एनसीईआरटी (NCERT) में इतिहास से जुड़े बड़े बदलाव

एनसीईआरटी में इतिहास से जुड़े बड़े बदलाव

दिल्ली में एनसीईआरटी की नई किताबों से हटाए गए मुग़ल और दिल्ली सल्तनत के अध्याय, अब भारतीय राजवंशों और सांस्कृतिक धरोहरों पर ज़ोर

नई दिल्ली, 27 अप्रैल 2025 – देश की राजधानी दिल्ली में एनसीईआरटी (राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद) द्वारा कक्षा 7 के इतिहास की पुस्तकों में बड़ा बदलाव किया गया है। इन संशोधनों के तहत, मुग़ल साम्राज्य और दिल्ली सल्तनत से संबंधित अध्यायों को हटा दिया गया है। इसके स्थान पर अब भारतीय राजवंशों, पवित्र भूगोल, महाकुंभ जैसे सांस्कृतिक आयोजनों और सरकारी योजनाओं को प्राथमिकता दी गई है।

प्रमुख बदलाव क्या हैं?

  • मुग़ल साम्राज्य और दिल्ली सल्तनत पर आधारित अध्याय हटाए गए।
  • भारतीय राजवंशों (गुप्त, मौर्य, चोल आदि) को अधिक विस्तार से जोड़ा गया।
  • 'पवित्र भूगोल' नामक नया अध्याय शामिल किया गया।
  • महाकुंभ और धार्मिक आयोजनों पर अध्याय जोड़े गए।
  • सरकारी योजनाओं की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पाठ्यक्रम में जोड़ी गई।

इस बदलाव का कारण क्या बताया गया?

शिक्षा मंत्रालय और एनसीईआरटी के अधिकारियों के अनुसार:

  • भारतीय गौरव और संस्कृति को बढ़ावा देना आवश्यक है।
  • पाठ्यक्रम को भारतीय दृष्टिकोण से अद्यतन करना जरूरी था।
अब समय आ गया है कि हमारी युवा पीढ़ी भारत के अपने गौरवशाली अतीत को जाने और उस पर गर्व करे। – एनसीईआरटी अधिकारी

विरोध और समर्थन

समर्थन में तर्क:

  • भारतीय सभ्यता को प्राथमिकता देना।
  • स्वदेशी इतिहास को महत्व देना।
  • राष्ट्रीय गर्व और सांस्कृतिक चेतना बढ़ाना।

विरोध में तर्क:

  • इतिहास को छुपाना खतरनाक हो सकता है।
  • मुग़ल और सल्तनत का ऐतिहासिक योगदान नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
  • अकादमिक निष्पक्षता को नुकसान हो सकता है।

डॉ. अनुराधा त्रिपाठी के अनुसार, "इतिहास सिर्फ गर्व के लिए नहीं, बल्कि सच्चाई के लिए पढ़ाया जाना चाहिए।"

'पवित्र भूगोल' और महाकुंभ के अध्याय

'पवित्र भूगोल' अध्याय में भारत के प्रमुख धार्मिक स्थलों का वर्णन होगा जैसे:

  • काशी (वाराणसी)
  • अयोध्या
  • केदारनाथ
  • साँची स्तूप
  • रामेश्वरम्

महाकुंभ अध्याय में:

  • महाकुंभ का ऐतिहासिक महत्व।
  • प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन, नासिक के आयोजन।
  • श्रद्धालुओं की आस्था और सामाजिक प्रभाव।
  • यूनेस्को द्वारा मान्यता प्राप्त सांस्कृतिक विरासत।

सरकारी योजनाओं पर अध्याय

योजना का नाम उद्देश्य
स्वच्छ भारत मिशन स्वच्छता और सफाई को बढ़ावा देना
जन धन योजना वित्तीय समावेशन सुनिश्चित करना
डिजिटल इंडिया डिजिटल साक्षरता बढ़ाना
आयुष्मान भारत स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करना

शिक्षा विशेषज्ञों की राय

  • इतिहास के तथ्यों से छेड़छाड़ नहीं होनी चाहिए।
  • पाठ्यक्रम को समय-समय पर अद्यतन करना भी आवश्यक।
  • शैक्षणिक निष्पक्षता बनी रहनी चाहिए।
हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि किसी भी ऐतिहासिक बदलाव में अकादमिक निष्पक्षता बनी रहे। – यूजीसी पूर्व अध्यक्ष

अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएँ

ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के इतिहासकार जेम्स रॉबिन्स के अनुसार, "हर राष्ट्र अपने इतिहास को अपनी दृष्टि से प्रस्तुत करता है, लेकिन ऐतिहासिक सच्चाई को बदलना खतरनाक हो सकता है।"

निष्कर्ष

एनसीईआरटी द्वारा किया गया यह परिवर्तन भारत की शिक्षा प्रणाली में एक महत्वपूर्ण बदलाव है। इससे छात्रों में भारतीय गौरव को बढ़ावा मिल सकता है, लेकिन इसकी निष्पक्षता और ऐतिहासिक व्यापकता को लेकर सवाल भी उठ रहे हैं। आने वाले समय में यह बदलाव छात्रों के दृष्टिकोण और सोच पर कितना असर डालता है, यह देखने योग्य होगा।

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Location: India Haryana, India