पहलगाम हमले के बाद सेना में बड़ा बदलाव, ब्राह्मण अफसरों को सौंपी गई अहम जिम्मेदारियाँ
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद उत्पन्न हुए राष्ट्रीय सुरक्षा तनाव के बीच, भारतीय सेना में शीर्ष स्तर पर बड़े बदलाव किए गए हैं। इस फेरबदल में तीन वरिष्ठ ब्राह्मण अधिकारियों को महत्वपूर्ण जिम्मेदारियाँ सौंपी गई हैं। यह बदलाव रक्षा प्रतिष्ठान में संतुलन और रणनीतिक मजबूती का संकेत माना जा रहा है।
एयर मार्शल नमर्देश्वर तिवारी बने नए वाइस चीफ
एयर मार्शल नमर्देश्वर तिवारी को भारतीय वायुसेना का नया वाइस चीफ नियुक्त किया गया है। वे एक अनुभवी पायलट और रणनीतिक मामलों के विशेषज्ञ हैं। उनके कार्यकाल के दौरान सेना में तकनीकी आधुनिकीकरण और संयुक्त संचालन पर विशेष बल दिए जाने की उम्मीद है।
आशुतोष दीक्षित को CISC का पदभार
लेफ्टिनेंट जनरल आशुतोष दीक्षित को चीफ ऑफ इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ टू द चेयरमैन चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी (CISC) नियुक्त किया गया है। यह पद तीनों सेनाओं के समन्वय और साझा रणनीति निर्माण के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। दीक्षित इससे पहले सेना में कई महत्त्वपूर्ण पदों पर रह चुके हैं।
प्रतीक शर्मा होंगे उत्तरी कमान के लेफ्टिनेंट जनरल
कश्मीर और नियंत्रण रेखा पर अत्यधिक संवेदनशील मानी जाने वाली उत्तरी कमान की जिम्मेदारी अब लेफ्टिनेंट जनरल प्रतीक शर्मा को सौंपी गई है। शर्मा काउंटर-टेरर ऑपरेशन्स और जम्मू-कश्मीर क्षेत्र में अपने अनुभव के लिए जाने जाते हैं। उनकी नियुक्ति ऐसे समय पर हुई है जब पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद फिर से सिर उठा रहा है।
पहलगाम हमले के बाद लिया गया निर्णय
हाल ही में हुए पहलगाम हमले में भारत के 28 नागरिकों की हत्या कर दी गई थी। इस हमले ने सुरक्षा व्यवस्था और खुफिया तंत्र पर गंभीर सवाल खड़े किए थे। ऐसे में इन उच्च स्तरीय नियुक्तियों को तेज़ी से कार्रवाई और जवाबदेही के कदम के रूप में देखा जा रहा है।
राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रिया
कुछ राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इन नियुक्तियों से जहां एक ओर सामरिक संतुलन बनाए रखने का प्रयास किया गया है, वहीं कुछ वर्ग इसे "ब्राह्मण प्रतिनिधित्व" की दिशा में कदम भी मान रहे हैं। हालांकि रक्षा मंत्रालय ने इस संबंध में कोई सांप्रदायिक या जातिगत आधार स्वीकार नहीं किया है।
निष्कर्ष
भारत में राष्ट्रीय सुरक्षा और सेना की आंतरिक संरचना को मजबूती देने के लिए यह उच्चस्तरीय फेरबदल एक अहम संकेत है। नमर्देश्वर तिवारी, आशुतोष दीक्षित और प्रतीक शर्मा जैसे अनुभवी अफसरों की नियुक्ति से यह उम्मीद की जा रही है कि भारतीय सेना आने वाले समय में आतंकवाद और सीमा सुरक्षा के मोर्चे पर और सशक्त होकर उभरेगी।