हरियाणा विधानसभा में मनीषा हत्याकांड पर हंगामा, CBI जांच जल्द शुरू
23 अगस्त 2025 | लेखक - आपका नाम
हरियाणा विधानसभा के मॉनसून सत्र के पहले दिन मनीषा हत्याकांड को लेकर जबरदस्त हंगामा हुआ। विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा और विधानसभा अध्यक्ष हरविंदर कल्याण के बीच तीखी बहस देखने को मिली। पूरे प्रदेश में यह मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है, और अंततः प्रदेश सरकार ने इस केस की जांच CBI को सौंपने का ऐलान कर दिया है। यह केस न सिर्फ हरियाणा, बल्कि पूरे देश में चर्चा का केंद्र बना हुआ है।
क्या है मनीषा हत्याकांड?
भिवानी जिले में 19 वर्षीय शिक्षिका मनीषा की संदिग्ध हालातों में मौत हो गई। मनीषा स्कूल में टीचर थीं और गांव में ही उनका निवास था। उनके परिवार व ग्रामीणों ने इस मौत को मर्डर करार दिया और अंतिम संस्कार से इनकार कर दिया। माहौल ऐसा गरमाया कि क्षेत्र में पंचायत बैठाने और विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए।
शुरुआती जांच में पुलिस ने आत्महत्या बताया, लेकिन परिवार ने इस थ्योरी को नकार दिया। दबाव बढ़ने पर दिल्ली एम्स में तीन बार पोस्टमॉर्टम हुआ। रिपोर्ट में जहर खाने के संकेत मिले, लेकिन शरीर पर तेजधार हथियार के निशान नहीं पाए गए। यौन शोषण या रेप की पुष्टि नहीं हुई। यानि, केस जहर खाने या साजिश की ओर इशारा कर रहा था।
विधानसभा में विपक्ष का विरोध
विपक्ष ने सरकार पर सवालों की बौछार कर दी। विपक्षी पार्टियों ने सीबीआई जांच, पीड़िता के परिवार को सुरक्षा, और सरकार की जिम्मेदारी तय करने की मांग की। सदन में जोरदार नारेबाजी और हंगामे के कारण कार्यवाही कई बार बाधित हुई। विपक्ष ने कहा कि प्रदेश की कानून व्यवस्था चरमरा गई है और सरकार अपराध की घटनाओं को छुपा रही है। इस दौरान स्पीकर और विपक्ष के बीच टकराव भी देखने को मिला।
CBI जांच का ऐलान
जनता, परिजनों और विपक्ष के दबाव के चलते मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने केस की जांच CBI को सौंपने का निर्णय लिया। दिल्ली एम्स में तीसरे पोस्टमॉर्टम के बाद ही अंतिम संस्कार हुआ। अब सीबीआई जांच से उम्मीद जताई जा रही है कि पीड़िता को न्याय मिलेगा और असली जिम्मेदारों का पता चलेगा। साथ ही, प्रदेश में पुलिस की जांच एवं अमले पर भी गंभीर सवाल उठे हैं।
राजनीति और समाज की प्रतिक्रिया
मनीषा केस में राज्य भर में आंदोलन हुए। चरखी दादरी, भिवानी और सोनीपत में सड़कों पर उतर कर जनता ने विरोध जताया। स्पोर्ट्स स्टार विनेश फोगाट समेत कई नेताओं ने सरकार की आलोचना की और माफी मांगने की अपील की। सोशल मीडिया पर भी इस केस को लेकर लोगों ने खूब गुस्सा जताया।
क्या बदलाव आवश्यक हैं?
राज्य की कानून व्यवस्था, महिला सुरक्षा और जांच प्रणाली को लेकर इस मामले ने सरकार और प्रशासन को गंभीर सोचने पर मजबूर किया है। शिक्षकों और महिलाओं की सुरक्षा को मजबूत करना वक्त की जरूरत है। साथ ही, ऐसी घटनाएं रोकने के लिए पारदर्शी जांच, त्वरित कार्रवाई और न्याय प्रणाली में सुधार जरूरी है।
निष्कर्ष
मनीषा हत्याकांड का सच अब CBI जांच पर निर्भर है। हरियाणा की राजनीति और समाज दोनों इस केस की पारदर्शिता और न्यायपूर्ण हल की मांग कर रहे हैं। विधानसभा का हंगामा बता रहा है कि यह केवल एक मामला नहीं, बल्कि पूरे प्रशासन और कानून व्यवस्था का आईना है।