विशाखापट्टनम के नरसिम्हा स्वामी मंदिर में बड़ा हादसा, 5 श्रद्धालुओं की मौत
आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम जिले में स्थित प्रसिद्ध नरसिम्हा स्वामी मंदिर में मंगलवार सुबह एक बड़ा हादसा हो गया, जिससे पूरा क्षेत्र शोक में डूब गया। मंदिर का लगभग 20 फीट लंबा एक हिस्सा अचानक भरभरा कर गिर पड़ा, जिसके मलबे के नीचे दबकर कम से कम 5 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए हैं।
यह मंदिर विशाखापट्टनम के बाहरी क्षेत्र में एक पहाड़ी पर स्थित है और धार्मिक आस्था का प्रमुख केंद्र माना जाता है। मंगलवार को बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए मंदिर में उपस्थित थे, तभी यह हादसा हुआ। चश्मदीदों के अनुसार, मंदिर की दीवार में पहले से ही दरारें दिखाई दे रही थीं, लेकिन किसी ने इस पर गंभीर ध्यान नहीं दिया।
मंदिर का जो हिस्सा गिरा, वह मुख्य सभा स्थल के पास था, जहां श्रद्धालु पूजा-अर्चना कर रहे थे। अचानक हुई इस दुर्घटना से अफरा-तफरी मच गई। आसपास के लोग मदद के लिए दौड़े और तुरंत प्रशासन को सूचित किया गया। स्थानीय प्रशासन ने तुरंत रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया।
हादसे की सूचना मिलते ही राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की टीमें मौके पर पहुंचीं और राहत एवं बचाव कार्य में जुट गईं। मलबे को हटाने के लिए जेसीबी और अन्य मशीनों का सहारा लिया गया। घायल श्रद्धालुओं को तुरंत नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जिनमें से कुछ की हालत गंभीर बनी हुई है।
स्थानीय लोगों ने बताया कि मंदिर की दीवारों में पिछले कुछ महीनों से दरारें नजर आ रही थीं, लेकिन कोई जरूरी मरम्मत कार्य नहीं किया गया। इससे मंदिर की संरचना कमजोर हो गई थी और अंततः यह हादसे का कारण बना।
राज्य सरकार ने इस हादसे पर दुख प्रकट किया है और मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री ने घटना की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं और कहा है कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
वहीं विपक्ष ने सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाया है। विपक्षी दलों का कहना है कि मंदिर प्रशासन और नगर निगम को इस बात की जानकारी पहले से थी लेकिन किसी ने समय रहते कदम नहीं उठाया।
धार्मिक स्थलों की सुरक्षा और संरचना को लेकर यह घटना एक गंभीर चेतावनी है। देश भर में सैकड़ों मंदिर, मस्जिद, चर्च और गुरुद्वारे वर्षों पुराने हैं, जिनकी समय-समय पर मरम्मत और जांच जरूरी है। यह घटना बताती है कि यदि समय पर उचित कदम न उठाए जाएं तो इससे जान-माल का भारी नुकसान हो सकता है।
इस हादसे में मारे गए श्रद्धालुओं में दो महिलाएं और एक बच्चा भी शामिल है। उनकी पहचान कर ली गई है और शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। स्थानीय प्रशासन ने मंदिर क्षेत्र को अस्थायी रूप से बंद कर दिया है और तकनीकी विशेषज्ञों की टीम को बुलाकर संरचना की पूरी जांच कराई जा रही है।
समाजसेवियों और स्थानीय निवासियों ने प्रशासन से मांग की है कि मंदिरों की सुरक्षा को लेकर व्यापक नीति बनाई जाए, ताकि भविष्य में इस तरह के हादसों को रोका जा सके।
यह घटना न केवल एक हादसा है बल्कि पूरे धार्मिक और सामाजिक तंत्र के लिए एक बड़ा सबक भी है। आस्था स्थलों की सुरक्षा और संरचना की मजबूती को नजरअंदाज करना हजारों जिंदगियों को खतरे में डाल सकता है।
हम इस हृदय विदारक दुर्घटना में जान गंवाने वालों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं।