1 जनवरी 2026 से सभी बाइक्स में ABS और दो हेलमेट अनिवार्य
सड़क सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए भारत सरकार ने एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है। 1 जनवरी 2026 से देश में बिकने वाले सभी दोपहिया वाहनों में अब एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम (ABS) लगाना अनिवार्य होगा। इसके साथ ही बाइक या स्कूटर खरीदने पर ग्राहकों को अब दो ISI/BIS प्रमाणित हेलमेट
क्या है एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम (ABS)?
एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम यानी ABS एक अत्याधुनिक ब्रेकिंग तकनीक है जो अचानक ब्रेक लगाने की स्थिति में वाहन के पहियों को लॉक होने से रोकता है। इससे चालक का वाहन पर नियंत्रण बना रहता है और फिसलने या पलटने की आशंका कम हो जाती है। पहले यह तकनीक केवल 125cc से ऊपर
दो हेलमेट अनिवार्य क्यों?
बाइक दुर्घटनाओं में पिलियन राइडर की मृत्यु दर काफी अधिक होती है, मुख्यतः इसलिए क्योंकि वह हेलमेट नहीं पहनता। सरकार ने अब यह सुनिश्चित किया है कि हर दोपहिया वाहन के साथ दो ISI प्रमाणित हेलमेट
कंपनियों और ग्राहकों पर असर
वाहन निर्माता कंपनियों का मानना है कि इस निर्णय से दोपहिया वाहनों की लागत में मामूली बढ़ोतरी हो सकती है। अनुमान है कि एक बाइक की कीमत में लगभग ₹2,000 से ₹5,000 तक की वृद्धि हो सकती है, खासकर 75–125cc
आंकड़े क्या कहते हैं?
एक सरकारी रिपोर्ट के अनुसार, भारत में हर साल दोपहिया वाहनों से जुड़े सड़क हादसों में हजारों लोगों की जान जाती है। इनमें से बड़ी संख्या में लोग हेलमेट न पहनने या ब्रेक फेल हो जाने के कारण मारे जाते हैं। ऐसे में ABS और दो हेलमेट अनिवार्य किए जाने से इन दुर्घटनाओं में उल्लेखनीय कमी आने की उम्मीद है।
डीलरों की जिम्मेदारी बढ़ी
अब सभी डीलरों को सुनिश्चित करना होगा कि वह प्रत्येक वाहन के साथ दो प्रमाणित हेलमेट
ग्राहकों की प्रतिक्रियाएं
जहां कुछ ग्राहक इस कदम को “सुरक्षा के लिहाज से जरूरी” बता रहे हैं, वहीं कुछ का मानना है कि कीमतों में वृद्धि उनकी जेब पर असर डालेगी। फिर भी अधिकांश नागरिक इस निर्णय का स्वागत कर रहे हैं क्योंकि यह सीधे तौर पर जीवन की सुरक्षा से जुड़ा है।
निष्कर्ष
कुल मिलाकर, भारत सरकार का यह कदम सड़क सुरक्षा के क्षेत्र में एक बड़ा और सकारात्मक बदलाव है। ABS और दो हेलमेट अनिवार्य करने से दुर्घटनाओं में कमी आएगी, लोगोंभारत सरकार का यह कदम सड़क सुरक्षा के क्षेत्र में एक बड़ा और सकारात्मक बदलाव है। ABS और दो हेलमेट अनिवार्य करने से दुर्घटनाओं में कमी आएगी, लोगों की जान बचेगी और आम नागरिक अधिक सुरक्षित रूप से यात्रा कर सकेंगे। यह समय की मांग है और आने वाले वर्षों में इसका सकारात्मक असर दिखना तय है।
की जान बचेगी और आम नागरिक अधिक सुरक्षित रूप से यात्रा कर सकेंगे। यह समय की मांग है और आने वाले वर्षों में इसका सकारात्मक असर दिखना तय है।