BIG BREAKING: पीएम मोदी की एक और हाईलेवल मीटिंग, आर्मी चीफ, NSA डोभाल और विदेश मंत्री से की मुलाकात
प्रधानमंत्री आवास पर करीब 35 मिनट तक चली अहम बैठक, राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर लिया गया फौरी फीडबैक
नई दिल्ली, 30 अप्रैल 2025 — देश में बढ़ते सुरक्षा हालात के मद्देनज़र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अपने सरकारी आवास पर एक अत्यंत गोपनीय और महत्वपूर्ण हाईलेवल मीटिंग की। इस बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, आर्मी चीफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी और विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर प्रमुख रूप से मौजूद रहे। बैठक लगभग 35 मिनट तक चली और इसमें देश की सामरिक स्थिति व कूटनीतिक विकल्पों पर चर्चा की गई।
प्रधानमंत्री निवास पर हुई इस बैठक को अत्यंत संवेदनशील माना जा रहा है, क्योंकि यह ऐसे समय पर हुई है जब देश के सीमावर्ती इलाकों में गतिविधियां तेज़ देखी जा रही हैं और हाल ही में कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले में 28 लोगों की मौत के बाद देश भर में चिंता का माहौल है।
सूत्रों के मुताबिक, इस मीटिंग में राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े ताज़ा इनपुट्स की समीक्षा की गई, साथ ही भारत की कूटनीतिक प्रतिक्रिया की संभावनाओं पर विचार किया गया। बताया जा रहा है कि पीएम मोदी ने अधिकारियों को “कड़ा रुख” अपनाने का संकेत दिया है और कहा है कि देश की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
NSA अजीत डोभाल ने बैठक में सीमावर्ती इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था और इंटेलिजेंस इनपुट्स को लेकर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कुछ आतंकी समूहों की गतिविधियों में तेजी देखी जा रही है और सीमाओं पर सतर्कता बढ़ा दी गई है।
विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने हालिया कूटनीतिक गतिविधियों और अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया को लेकर ब्रीफिंग दी। उन्होंने बताया कि भारत अपने मित्र देशों के साथ संपर्क में है और उन्हें सुरक्षा हालात से अवगत कराया जा रहा है।
सूत्रों के अनुसार, इस मीटिंग में भारतीय सेना के रणनीतिक विकल्पों पर भी चर्चा हुई और आवश्यकता पड़ने पर “सख्त कार्रवाई” करने के निर्देश दिए गए हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने सभी वरिष्ठ अधिकारियों को स्पष्ट रूप से निर्देशित किया है कि हर कदम पर “तेज़ और निर्णायक” रवैया अपनाया जाए। उन्होंने कहा कि “देशवासियों की सुरक्षा सर्वोपरि है और भारत किसी भी आंतरिक या बाहरी खतरे से निपटने में पूरी तरह सक्षम है।”
इस मीटिंग के बाद पूरे सरकारी ढांचे में हलचल तेज़ हो गई है। गृह मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय दोनों अलर्ट मोड में हैं और आने वाले दिनों में और बैठकों की संभावना जताई जा रही है।
जानकारों का मानना है कि इस बैठक के बाद कश्मीर, पंजाब, और उत्तर-पूर्व जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में सुरक्षा तंत्र और अधिक सख्त किया जा सकता है। साथ ही विदेश मंत्रालय भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की स्थिति को स्पष्ट करने के लिए सक्रिय भूमिका निभा रहा है।
सुरक्षा मामलों के विशेषज्ञों का मानना है कि अगर यह बैठक केवल 35 मिनट तक चली, तो यह दिखाता है कि उच्चस्तरीय अधिकारियों को पहले से ही पूरी तैयारी थी और पीएम मोदी ने सभी से फीडबैक लेकर तुरंत निर्णय देने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
राजनीतिक हलकों में भी इस बैठक को गंभीरता से देखा जा रहा है। विपक्ष ने सरकार से तीखी प्रतिक्रिया की मांग की है, वहीं सत्ता पक्ष का कहना है कि “अब निर्णायक मोड़ का समय आ गया है।”
सूत्रों की मानें तो बैठक के दौरान कश्मीर में सैन्य कार्रवाई, राजनयिक विरोध दर्ज कराना, और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर आतंकवाद के खिलाफ अभियान को तेज़ करने जैसे विकल्पों पर चर्चा की गई है।
यह भी संभावना जताई जा रही है कि पीएम मोदी आने वाले दिनों में सर्वदलीय बैठक बुलाकर विपक्ष के नेताओं को भी विश्वास में लेंगे, ताकि एक सामूहिक रुख पेश किया जा सके।
इस बैठक का राजनीतिक और कूटनीतिक असर देश की आंतरिक और बाहरी रणनीतियों पर लंबे समय तक दिखाई देगा। आने वाले 48 घंटे इस दिशा में बेहद निर्णायक माने जा रहे हैं।