BBMB पानी विवाद पर हरियाणा सरकार की सर्वदलीय बैठक कल, मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने बुलाया राजनीतिक एकजुटता का आह्वान
चंडीगढ़। बहुप्रतीक्षित भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (BBMB) जल विवाद पर हरियाणा सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए सर्वदलीय बैठक बुलाई है। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने इस मुद्दे पर सभी राजनीतिक दलों को आमंत्रित करते हुए एकजुटता की अपील की है। यह बैठक कल दोपहर 2 बजे हरियाणा निवास, चंडीगढ़ में आयोजित की जाएगी।
क्या है BBMB पानी विवाद?
BBMB यानी भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड एक महत्वपूर्ण संस्थान है, जो पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, और हिमाचल प्रदेश को सिंचाई और पेयजल आपूर्ति करता है। हाल ही में हरियाणा सरकार ने आरोप लगाया है कि राज्य को उसके न्यायोचित जल हिस्से से वंचित किया जा रहा है। सरकार का दावा है कि पंजाब और केंद्र द्वारा हरियाणा की हिस्सेदारी में कटौती की जा रही है।
मुख्यमंत्री का बयान
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा, “यह हरियाणा के हितों का मामला है, और इसमें किसी भी प्रकार की राजनीति नहीं होनी चाहिए। सभी दलों को मिलकर राज्य की जनता के अधिकारों की रक्षा करनी होगी। BBMB जल बंटवारा हमारे अस्तित्व, कृषि और भविष्य से जुड़ा मुद्दा है।”
सर्वदलीय बैठक में ये दल होंगे शामिल
हरियाणा सरकार द्वारा जारी आमंत्रण में कांग्रेस, इनेलो, जननायक जनता पार्टी (JJP), आम आदमी पार्टी, बसपा समेत अन्य क्षेत्रीय दलों को आमंत्रित किया गया है। बैठक में जल आपूर्ति विभाग, सिंचाई विभाग और कानूनी सलाहकार भी उपस्थित रहेंगे।
पृष्ठभूमि में राजनीतिक गर्माहट
इस विवाद ने राज्य में राजनीतिक हलचल भी पैदा कर दी है। कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा पहले ही सरकार पर कमजोर रुख अपनाने का आरोप लगा चुके हैं। दूसरी ओर, JJP के दुष्यंत चौटाला ने कहा कि BBMB में हरियाणा की आवाज को मजबूती से उठाया जाना चाहिए। ऐसे में यह बैठक राजनीतिक दलों को एक मंच पर लाकर संविधानिक और कानूनी रणनीति तय करने का प्रयास है।
सुप्रीम कोर्ट और SYL विवाद की भी चर्चा संभव
विशेषज्ञों के अनुसार, इस बैठक में BBMB के साथ-साथ Sutlej Yamuna Link (SYL) नहर विवाद की भी चर्चा हो सकती है, जो लंबे समय से पंजाब और हरियाणा के बीच संघर्ष का विषय बना हुआ है। सुप्रीम कोर्ट पहले ही SYL पर हरियाणा के पक्ष में फैसला सुना चुका है, लेकिन अब तक कार्यान्वयन अधर में है।
राजनीतिक एकता की उम्मीद
हरियाणा के राजनीतिक इतिहास में ऐसे मौके कम ही आए हैं, जब सभी दल किसी एक मुद्दे पर एक साथ खड़े हुए हों। जल अधिकार ऐसा ही एक विषय है, जिसमें हरियाणा के किसान, उद्योग और आम नागरिक सीधे तौर पर प्रभावित होते हैं। मुख्यमंत्री की इस पहल को राजनीतिक सीमाओं से ऊपर उठने का प्रयास माना जा रहा है।
जनता की प्रतिक्रिया
सोशल मीडिया और ग्रामीण क्षेत्रों में इस बैठक को लेकर लोगों में काफी उत्सुकता है। किसान संगठनों ने सरकार के प्रयासों का स्वागत किया है, लेकिन साथ ही यह भी कहा है कि बैठक केवल औपचारिकता नहीं होनी चाहिए, बल्कि इसका व्यावहारिक परिणाम सामने आना चाहिए।
क्या निकल सकता है बैठक से?
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर सर्वदलीय सहमति बनती है, तो हरियाणा केंद्र सरकार के समक्ष एक संयुक्त प्रस्ताव पेश कर सकता है। इससे राजनीतिक दबाव बनेगा और BBMB से जुड़ी व्यवस्थाओं में हरियाणा की भूमिका को सशक्त बनाया जा सकता है।
निष्कर्ष
BBMB जल विवाद अब केवल प्रशासनिक नहीं, बल्कि राजनीतिक और संवैधानिक संघर्ष का रूप ले चुका है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी द्वारा बुलाई गई यह सर्वदलीय बैठक हरियाणा के जल अधिकारों की लड़ाई में एक निर्णायक मोड़ साबित हो सकती है।
अब देखना यह है कि क्या सभी दल राज्य हित में एकजुट होकर ठोस रणनीति तैयार कर पाते हैं या नहीं।