NCERT की नई किताब 'खेल यात्रा' में देसी खेल शामिल NCERT ने 7वीं कक्षा की नई शारीरिक शिक्षा की किताब 'खेल यात्रा' में भारत के ।
नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (NCERT) ने शारीरिक शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा बदलाव करते हुए कक्षा 7वीं के छात्रों के लिए नई किताब 'खेल यात्रा' पेश की है। इस किताब का उद्देश्य छात्रों को पारंपरिक भारतीय खेलों से जोड़ना है ताकि वे न केवल शारीरिक रूप से स्वस्थ रहें बल्कि भारतीय संस्कृति की गहराई से भी परिचित हो सकें।
नई शिक्षा नीति (NEP 2020) के तहत तैयार की गई इस किताब में घोरपडीचे शेपूट, गिधाड़ा गुढकावण, आटा-पाटा, नालुगु राल्लू आटा, डापो न्यारका सुनम, मधु और मनु जैसे कई देसी खेलों को शामिल किया गया है। इसके साथ ही, इसमें खेलों के माध्यम से रणनीति, फुर्ती, टीमवर्क और सामूहिकता को भी बढ़ावा देने पर जोर दिया गया है।
यूनिट 1: महाराष्ट्र और दक्षिण भारत के पारंपरिक खेल
यूनिट 1 में महाराष्ट्र और दक्षिण भारत के तीन देसी खेलों का उल्लेख है:
- घोरपडीचे शेपूट: यह खेल दो टीमों के बीच होता है, जिसमें सभी खिलाड़ी एक कतार में खड़े होकर एक-दूसरे की कमर पकड़ते हैं। टीम का अगुवा दूसरी टीम के अंतिम खिलाड़ी को छूने की कोशिश करता है। यह खेल रणनीति और संतुलन का प्रतीक है।
- गिधाड़ा गुढकावण: यह खेल बाज और मुर्गियों के बीच की दौड़ को दर्शाता है और फुर्ती व समूह समन्वय को बढ़ाता है।
- नालुगु राल्लू आटा: यह खेल आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में लोकप्रिय है। इसमें खिलाड़ी पत्थर इकट्ठा करने के लिए कोर्ट में रणनीति के साथ चलते हैं और पकड़े जाने से बचते हैं।
इन खेलों के माध्यम से छात्रों को यह सीखने को मिलेगा कि भारतीय संस्कृति में किस तरह खेल सिर्फ मनोरंजन नहीं बल्कि शारीरिक और मानसिक विकास का माध्यम भी रहे हैं।
यूनिट 2: आटा-पाटा और अन्य शारीरिक दक्षता बढ़ाने वाले खेल
यूनिट 2 का नाम है “फिजिकल एंड मोटर फिटनेस”, जिसमें चार पारंपरिक खेल शामिल किए गए हैं:
- धान की बोरी दौड़: इसमें एक खिलाड़ी दूसरे को अपनी पीठ पर उठाकर दौड़ता है। यह खेल शारीरिक संतुलन और शक्ति का अभ्यास कराता है।
- आटा-पाटा: यह दौड़ने का खेल है जिसमें खिलाड़ी रेखाएं पार करते हैं और डिफेंडर उन्हें टैग करने का प्रयास करते हैं। इसे 'दरिया बंधा' भी कहा जाता है।
- डापो न्यारका सुनम: यह पूर्वोत्तर भारत के जनजातीय समुदायों का पारंपरिक कुश्ती खेल है। इसमें दो खिलाड़ी बांस की छड़ी को पकड़कर एक-दूसरे को घेरे से बाहर धकेलने का प्रयास करते हैं। यह ताकत, तकनीक और धैर्य सिखाता है।
- मधु और मनु: एक टैग गेम है जिसमें दो टीमें एक-दूसरे की सुरक्षा जोन में टैग किए बिना पहुंचने की कोशिश करती हैं।
ये खेल शारीरिक दक्षता, रणनीति, सामाजिक समन्वय और आत्मविश्वास को बढ़ावा देते हैं।
यूनिट 3 से 6: आधुनिक और योग आधारित अभ्यास
किताब की यूनिट 3 और 4 में बैडमिंटन और फुटबॉल जैसे आधुनिक खेलों के मूल सिद्धांत और तकनीकें दी गई हैं। वहीं यूनिट 5 और 6 में कबड्डी, योग, आसन और प्राणायाम
इससे यह स्पष्ट होता है कि 'खेल यात्रा' किताब केवल देसी खेलों पर केंद्रित नहीं है, बल्कि यह परंपरा और आधुनिकता दोनों का समन्वय प्रस्तुत करती है।
क्रॉस-कटिंग थीम्स और समावेशन
NCERT के डायरेक्टर डॉ. दिनेश प्रसाद सकलानी ने कहा है कि यह किताब मोटर स्किल्स, टीम भावना, सांस्कृतिक जुड़ाव, लैंगिक समानता और समावेशन जैसी अवधारणाओं को साथ लेकर चलती है। 'खेल यात्रा' सिर्फ एक पाठ्यपुस्तक नहीं बल्कि जीवन मूल्य सिखाने का माध्यम भी है।
‘कौशल बोध’ : व्यावसायिक शिक्षा में नई शुरुआत
NCERT ने 7वीं कक्षा के लिए ‘कौशल बोध’ नामक एक और किताब जारी की है, जो व्यावसायिक शिक्षा पर केंद्रित है। इसमें कई रोचक और रचनात्मक विषय शामिल किए गए हैं जैसे:
- कठपुतली कला
- टाई-डाई फैब्रिक प्रिंटिंग
- बागवानी
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
'टाई एंड डाई' खंड में राजस्थान और गुजरात की लहरिया और बांधनी, तथा मध्यप्रदेश की बाटिक कला को भी सम्मिलित किया गया है। इसमें ‘मदुरै सुंगुड़ी’ का भी जिक्र है जो गुजरात से तमिलनाडु आए एक समुदाय द्वारा बनाई जाती है।
निष्कर्ष
NCERT की ये नई पहल ‘खेल यात्रा’ और ‘कौशल बोध’ यह दिखाती है कि अब शिक्षा केवल किताबी ज्ञान तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि छात्रों के शारीरिक, मानसिक, सांस्कृतिक और व्यावसायिक विकास