दिल्ली में एयर रेड सायरन की टेस्टिंग, ऊंची इमारतों पर सायरन बजने से लोग अलर्ट

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दिल्ली की ऊंची इमारतों में बजे एयर रेड सायरन, राजधानी में मॉक ड्रिल शुरू

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में आज अचानक कई ऊंची इमारतों से सायरन की आवाजें गूंजने लगीं, जिससे शहरवासियों में हलचल मच गई। हालांकि अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि यह सिर्फ एक मॉक ड्रिल है, जिसका उद्देश्य संभावित आपात स्थिति में नागरिकों की तत्परता और प्रतिक्रिया क्षमता का परीक्षण करना है।

सुबह से ही दिल्ली के विभिन्न हिस्सों में स्थित ऊंची इमारतों, सरकारी कार्यालयों, और सार्वजनिक स्थानों पर सायरन टेस्टिंग की जा रही है। इस सायरन टेस्टिंग को 'एयर रेड अलर्ट साउंड टेस्ट' के नाम से चलाया जा रहा है।

क्या है एयर रेड सायरन टेस्टिंग?

एयर रेड सायरन एक प्रकार की चेतावनी प्रणाली है, जो संभावित हवाई हमलों, मिसाइल हमलों, या अन्य बड़े खतरों की स्थिति में नागरिकों को तुरंत सतर्क करने के लिए उपयोग की जाती है। यह प्रणाली विश्व युद्ध के समय से ही इस्तेमाल में लाई जाती रही है और आज के दौर में इसे आधुनिक तकनीकों से जोड़ा गया है।

दिल्ली में यह टेस्टिंग राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) और गृह मंत्रालय के सहयोग से की जा रही है।

लोगों से क्या अपील की गई?

प्रशासन की ओर से नागरिकों से अपील की गई है कि वे घबराएं नहीं और इसे केवल एक अभ्यास के रूप में लें। नागरिकों को बताया गया है कि मॉक ड्रिल के दौरान सायरन बजने पर वे सुरक्षित स्थान पर पहुंचने की कल्पना करें और निर्देशों का पालन करें।

दिल्ली पुलिस और सिविल डिफेंस टीमों को विभिन्न स्थानों पर तैनात किया गया है, ताकि किसी भी प्रकार की अफवाहों को रोका जा सके।

किस-किस क्षेत्र में बजा सायरन?

सायरन टेस्टिंग मुख्य रूप से नई दिल्ली, कनॉट प्लेस, द्वारका, रोहिणी, करोल बाग, लक्ष्मी नगर, साकेत और जनकपुरी जैसे प्रमुख क्षेत्रों में की जा रही है। इसके अलावा NDMC के अंतर्गत आने वाली कई सरकारी इमारतों पर भी सायरन लगे हैं, जो आज की मॉक ड्रिल का हिस्सा बने।

लोगों ने सोशल मीडिया पर वीडियो और पोस्ट साझा कर बताया कि अचानक तेज सायरन सुनने को मिला, जिससे कुछ समय के लिए भ्रम की स्थिति बन गई।

क्या है इसका उद्देश्य?

भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव और सुरक्षा चुनौतियों के मद्देनजर भारत सरकार नागरिक सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने में लगी है। एयर रेड सायरन टेस्टिंग उसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

इससे आपदा प्रबंधन एजेंसियों को यह जानकारी मिलती है कि आपात स्थिति में कितनी तेजी से और कुशलता से लोग प्रतिक्रिया देते हैं, और कहां सुधार की आवश्यकता है।

क्या करना चाहिए सायरन सुनने पर?

  • सायरन सुनते ही घबराएं नहीं, शांत रहें।
  • सुरक्षित स्थान जैसे बेसमेंट या कंक्रीट संरचना की ओर जाएं।
  • अफवाहों से बचें और सिर्फ आधिकारिक स्रोतों से सूचना प्राप्त करें।
  • रेडियो या सरकारी मोबाइल अलर्ट को फॉलो करें।

प्रशासन की तैयारी

दिल्ली सरकार और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन विभाग ने बीते कुछ महीनों से इस तरह की तैयारी योजनाएं तैयार की थीं, जिसमें अग्निशमन विभाग, पुलिस, अस्पताल, एम्बुलेंस सेवा और सिविल डिफेंस को शामिल किया गया है।

यह ड्रिल आगामी दिनों में अन्य मेट्रो शहरों में भी की जा सकती है, ताकि पूरे देश में एकीकृत चेतावनी प्रणाली को टेस्ट किया जा सके।

निष्कर्ष

दिल्ली में एयर रेड सायरन की मॉक ड्रिल यह दर्शाती है कि सरकार और प्रशासन संभावित आपात स्थितियों को गंभीरता से ले रहे हैं। ऐसे अभ्यास न केवल नागरिकों को जागरूक करते हैं, बल्कि सुरक्षा व्यवस्था की तैयारियों को भी परखते हैं।

नागरिकों से अनुरोध है कि वे इस प्रकार के अभ्यासों को गंभीरता से लें और भविष्य में किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहें।

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Location: India Delhi, India