रोहतक में रिश्वत कांड: नायब तहसीलदार प्रवीन गिरफ्तार
रोहतक, हरियाणा। हरियाणा के रोहतक जिले में रिश्वतखोरी के गंभीर मामले में नायब तहसीलदार प्रवीन को एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) की टीम ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी पर आरोप है कि उसने दुकान की डीड करने के बदले एक लाख 80 हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी। यह मांग डीड राइटर के माध्यम से की गई थी।
डीड राइटर के हाथों रिश्वत लेते पकड़ा गया आरोपी
शिकायतकर्ता आनंद नामक युवक ने अक्टूबर 2024 में एसीबी को शिकायत दी थी कि तहसील कार्यालय में नायब तहसीलदार ने डीड कराने के नाम पर रिश्वत की मांग की है। इस शिकायत के आधार पर एसीबी ने जाल बिछाया और 9 अक्टूबर 2024 को डीड राइटर साहिल को एक लाख रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ लिया गया।
नायब तहसीलदार फरार, अब गिरफ्त में
डीड राइटर की गिरफ्तारी के बाद नायब तहसीलदार प्रवीन मौके से फरार हो गया था। उसने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका भी दायर की थी, जो खारिज हो गई थी। एसीबी टीम ने आरोपी को अब रोहतक कार्यालय से दबोच लिया है और उसे अदालत में पेश कर एक दिन के रिमांड पर लिया गया है।
कैसे हुआ खुलासा?
एसीबी इंस्पेक्टर भगत सिंह ने बताया कि आनंद नाम के व्यक्ति ने एक दुकान की रजिस्ट्री करवाने के लिए तहसीलदार से संपर्क किया था। तहसीलदार ने डीड राइटर के माध्यम से 1 लाख 80 हजार रुपए रिश्वत की मांग की। पीड़ित ने पहले ही 10 हजार रुपए दे दिए थे और बाकी 1 लाख रुपए की डील तय थी, जो कि डीड राइटर साहिल को दिए जाने थे।
रंगे हाथ पकड़ा गया रिश्वतखोर
जैसे ही साहिल ने रिश्वत के पैसे लिए, ACB टीम ने उसे रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। इसके तुरंत बाद नायब तहसीलदार फरार हो गया। अब ACB ने उसे भी पकड़कर हिरासत में ले लिया है और पूछताछ जारी है।
अदालत में पेशी और रिमांड
एसीबी टीम ने तहसीलदार को अदालत में पेश कर एक दिन का रिमांड लिया है। माना जा रहा है कि पूछताछ के दौरान कई और नाम सामने आ सकते हैं जो इस घूसखोरी के नेटवर्क में शामिल हैं। टीम इस मामले को गंभीर करप्शन केस मानते हुए छानबीन कर रही है।
जनता में आक्रोश
इस मामले के सामने आने के बाद रोहतक के स्थानीय नागरिकों में नाराजगी और आक्रोश है। लोगों का कहना है कि भूमि और संपत्ति रजिस्ट्रेशन जैसे कामों में भ्रष्टाचार आम हो गया है। सरकार और प्रशासन को अब सख्त कदम उठाने चाहिए।
निष्कर्ष
यह मामला दिखाता है कि भ्रष्टाचार किस तरह आम नागरिकों के जीवन को प्रभावित कर रहा है। हालांकि, ACB जैसे संस्थान जागरूकता और ईमानदारी से अपना काम कर रहे हैं। उम्मीद है कि यह कार्रवाई अन्य सरकारी अधिकारियों के लिए संदेश बनेगी और भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान को मजबूती मिलेगी।