ब्लैक आउट अभ्यास को नज़रअंदाज़ करना पड़ सकता है भारी Hisar

Today News update ब्लैक आउट अभ्यास को नज़रअंदाज़ करना पड़ सकता है भारी

ब्लैक आउट अभ्यास को नज़रअंदाज़ करना पड़ सकता है भारी

हिसार (हरियाणा) – "ब्लैक आउट का अभ्यास न करने वाले ध्यान रखो" – यह चेतावनी इन दिनों हरियाणा के हिसार और आसपास के इलाकों में चर्चा का विषय बनी हुई है। स्थानीय प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों की ओर से नागरिकों को लगातार संदेश भेजे जा रहे हैं कि वे सुरक्षा अभ्यासों में भाग लें और लापरवाही न करें।

संदेश में विशेष तौर पर कहा गया है – "Haryana Hisar आले बच की रहियो र… सोदा खतरे में है आपना भी…"। यह पंक्ति न केवल क्षेत्रीय भाषा में नागरिकों से संवाद करती है, बल्कि भावनात्मक रूप से भी उन्हें सावधान करती है कि सुरक्षा केवल प्रशासन की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि हर नागरिक की भी जिम्मेदारी है।

ब्लैक आउट का क्या मतलब है?

ब्लैक आउट का मतलब है – किसी आपातकालीन स्थिति में क्षेत्र की सभी लाइटें बंद कर देना, ताकि दुश्मन की निगाहें हमारी गतिविधियों या ठिकानों पर न पड़ सकें। यह खासतौर पर हवाई हमले या युद्ध जैसी परिस्थिति में किया जाता है। आज के समय में यह अभ्यास नागरिकों को आपात स्थिति के लिए तैयार रखने हेतु किया जाता है।

क्यों जरूरी है यह अभ्यास?

आज के बदलते वैश्विक और सामरिक परिदृश्य में नागरिकों की जागरूकता और सहयोग ही देश की पहली रक्षा पंक्ति है। जब ब्लैक आउट अभ्यास कराया जाता है, तो नागरिकों से अपेक्षा की जाती है कि वे अपने घरों, दुकानों और दफ्तरों की सभी लाइटें तय समय पर बंद करें और बाहर रोशनी न करें। यह अभ्यास नागरिकों में अनुशासन और सजगता पैदा करता है।

हिसार जैसे संवेदनशील और तेजी से विकसित हो रहे क्षेत्रों में यह अभ्यास और भी अहम हो जाता है, क्योंकि यहां सामरिक महत्व के संस्थान, औद्योगिक क्षेत्र और घनी आबादी है।

लापरवाही के नतीजे क्या हो सकते हैं?

यदि नागरिक इन अभ्यासों को हल्के में लेते हैं, तो वास्तविक संकट की घड़ी में वे तैयार नहीं होंगे। इसका नतीजा यह हो सकता है कि न केवल प्रशासन को कठिनाई हो, बल्कि जान-माल का नुकसान भी हो सकता है।

ब्लैक आउट के दौरान मोबाइल फ्लैश, कार की हेडलाइट, घर की खिड़की से आती रोशनी – ये सभी चीजें लक्ष्य बन सकती हैं। इसीलिए प्रशासन बार-बार यह अपील कर रहा है कि लोग इसमें पूरा सहयोग दें।

प्रशासन की अपील और चेतावनी

हिसार प्रशासन ने कहा है कि जो लोग ब्लैक आउट अभ्यास में शामिल नहीं होंगे या आदेशों की अवहेलना करेंगे, उनके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जा सकती है। स्थानीय निकाय और पुलिस विभाग को निर्देश दिए गए हैं कि वे रात्रि गश्त बढ़ाएं और उल्लंघन करने वालों पर नजर रखें।

इसके साथ ही पंचायतों, स्कूलों, कॉलेजों और सामाजिक संगठनों से भी अपील की गई है कि वे इस विषय पर लोगों को जागरूक करें।

नागरिकों की जिम्मेदारी

हर नागरिक का यह कर्तव्य है कि वह न केवल अपने परिवार बल्कि अपने पूरे समाज की सुरक्षा को प्राथमिकता दे। यदि हम आज सजग नहीं हुए, तो कल को संकट आने पर पछताना पड़ सकता है।

सोशल मीडिया, व्हाट्सएप और अन्य माध्यमों से फैलने वाले मैसेजों में अगर यह संदेश है कि "सोदा खतरे में है आपना भी", तो इसका अर्थ केवल डर फैलाना नहीं, बल्कि जागरूकता जगाना है।

निष्कर्ष

ब्लैक आउट अभ्यास एक साधारण प्रक्रिया नहीं, बल्कि एक बेहद जरूरी सुरक्षा कवच है। यदि हम इसमें शामिल नहीं होंगे, तो यह लापरवाही हमारे लिए ही खतरनाक साबित हो सकती है।

हिसार और पूरे हरियाणा के नागरिकों से अपील है – सजग रहें, अभ्यास में भाग लें और अपने कर्तव्य को निभाएं।

Share:
Location: India Haryana, India