गुरुद्वारे पर पाकिस्तान ने दागा गोला, 15 की मौत: ऑपरेशन सिंदूर की बौखलाहट
जम्मू-कश्मीर: पाकिस्तान की सेना ने मंगलवार रात जम्मू-कश्मीर के पुंछ और तंगधार क्षेत्रों में भारी गोलाबारी की, जिसमें 15 नागरिकों की मौत हो गई और 43 से अधिक घायल हो गए। यह हमला भारत के हाल ही में किए गए 'ऑपरेशन सिंदूर' के जवाब में किया गया बताया जा रहा है।
पुंछ जिले के केंद्रीय गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा साहिब को भी निशाना बनाया गया, जहाँ पाकिस्तानी फौजियों ने बम दागा। इस हमले में तीन सिख – रागी भाई अमरीक सिंह, सैनिक भाई अमरजीत सिंह और दुकानदार भाई रंजीत सिंह की जान चली गई। माणकोट क्षेत्र में बीबी रूबी कौर नामक सिख महिला की भी मृत्यु हो गई।
गुरुद्वारे की दीवार को नुकसान पहुँचा और आसपास के कई घरों में आग लग गई। लोग जान बचाकर सुरक्षित स्थानों की ओर भागते देखे गए। भारी गोलाबारी के कारण सैकड़ों लोग अपने घर छोड़कर पलायन कर रहे हैं।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद बढ़ा तनाव
भारत ने 22 अप्रैल को हुए पहलगाम नरसंहार – जिसमें कई हिंदू तीर्थयात्रियों की जान गई थी – के बाद पाकिस्तान और पीओके में स्थित नौ आतंकी ठिकानों पर हवाई हमला कर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ अंजाम दिया था। इस कार्रवाई के बाद से ही पाकिस्तान बौखलाया हुआ प्रतीत हो रहा है।
भारतीय सेना के सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान की ओर से लगातार सीजफायर का उल्लंघन किया जा रहा है और आम नागरिकों को निशाना बनाया जा रहा है।
नेताओं और धार्मिक संगठनों की तीखी प्रतिक्रिया
पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री और शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने हमले की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा, “सिख हमेशा देश की तलवार रहे हैं। हम अपने सशस्त्र बलों के साथ चट्टान की तरह खड़े हैं।” उन्होंने शहीद हुए सिखों को श्रद्धांजलि दी और उनके परिवारों के लिए मुआवज़े की माँग की।
बादल ने चेताया कि अगर दुश्मन सिखों के आत्मसम्मान को चुनौती देगा, तो सिख देशभक्ति के अपने कर्तव्यों को पूरा करने में पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने शांति और सह-अस्तित्व की अपील भी की।
श्री अकाल तख्त साहिब के कार्यवाहक जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गरगज ने भी हमले की निंदा करते हुए कहा, “यह केवल एक धार्मिक स्थल पर हमला नहीं, बल्कि मानवता पर सीधा आघात है।” उन्होंने दोनों देशों से तनाव घटाने और शांति बनाए रखने की अपील की।
भारतीय सेना ने दिया मुँहतोड़ जवाब
भारतीय सेना ने भी इस हमले का कड़ा जवाब दिया है। सीमा पर तैनात भारतीय जवानों ने जवाबी कार्रवाई में कई पाकिस्तानी चौकियों को निशाना बनाया और पाकिस्तानी सैनिकों की मौत की खबरें भी सामने आई हैं।
रक्षा सूत्रों का कहना है कि जब तक पाकिस्तान उकसावे की कार्रवाई जारी रखेगा, भारत की ओर से भी कड़ा प्रतिरोध मिलता रहेगा। सेना को हाई अलर्ट पर रखा गया है और सीमावर्ती क्षेत्रों में निगरानी बढ़ा दी गई है।
मानवता की पुकार
जत्थेदार गरगज ने कहा, “युद्ध कभी किसी समस्या का समाधान नहीं होता। मासूमों की जान सबसे बड़ी क्षति होती है। हमें गुरबाणी में आस्था रखकर एक-दूसरे के साथ खड़ा होना होगा।”
उन्होंने सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले नागरिकों से संयम रखने और फौज का सहयोग करने की अपील की।
निष्कर्ष
पाकिस्तान द्वारा गुरुद्वारे और रिहायशी इलाकों पर किया गया यह हमला निश्चित रूप से भारत-पाक संबंधों को और अधिक तनावपूर्ण बना देगा। जहां एक ओर भारत अपने नागरिकों और सीमाओं की रक्षा के लिए पूरी तरह तत्पर है, वहीं इस घटना ने यह दिखा दिया है कि आम नागरिक हमेशा युद्ध का सबसे बड़ा शिकार बनते हैं।
अब अंतरराष्ट्रीय समुदाय की निगाहें भी इस तनाव पर टिक गई हैं। उम्मीद की जानी चाहिए कि दोनों देशों के बीच जल्द ही संवाद का रास्ता खुले और निर्दोष जानें बचाई जा सकें।
संवाददाता – सुरक्षा व विदेश मामलों की टीम