पंजाब और हरियाणा में तेज आंधी और बिजली गिरने की चेतावनी
मौसम विभाग ने पंजाब और हरियाणा के कई जिलों में अगले तीन घंटों के भीतर तेज आंधी, गरज-चमक के साथ बारिश और बिजली गिरने की संभावना जताई है। इस अलर्ट ने आम नागरिकों के बीच चिंता बढ़ा दी है, विशेषकर उन क्षेत्रों में जहां पहले भी प्राकृतिक आपदाओं के कारण जन और धन की हानि हो चुकी है।
कौन-कौन से जिले हैं प्रभावित
मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, पंजाब के अमृतसर, फरीदकोट, फाजिल्का, शहीद भगत सिंह नगर, श्री मुक्तसर साहिब और तरनतारन जिलों में मौसम का प्रभाव सबसे अधिक देखने को मिल सकता है। वहीं हरियाणा के भिवानी, चरखी दादरी, झज्जर और रोहतक जिलों में भी तेज हवाओं के साथ बारिश और बिजली गिरने की संभावना व्यक्त की गई है।
क्या कहते हैं मौसम वैज्ञानिक
भारतीय मौसम विभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. आर.के. शर्मा ने बताया कि इस समय वायुमंडलीय दबाव में बदलाव हो रहा है, जिससे उत्तर-पश्चिम भारत में अचानक मौसम परिवर्तन देखा जा रहा है। इस बदलाव के कारण तेज हवाएं चल सकती हैं जिनकी गति 50 से 70 किमी प्रति घंटे तक हो सकती है। इसके साथ ही बिजली गिरने की घटनाएं भी संभव हैं।
सावधानी बरतने की सलाह
मौसम विभाग ने लोगों को सुझाव दिया है कि वे इस दौरान घर से बाहर निकलने से बचें। जो लोग खेतों, निर्माण स्थलों या खुले इलाकों में कार्य कर रहे हैं, वे तुरंत किसी सुरक्षित स्थान की ओर चले जाएं। साथ ही मोबाइल, बिजली के उपकरणों, और धातु से बनी वस्तुओं के संपर्क में आने से भी बचने की सलाह दी गई है।
बिजली गिरने के खतरे और उपाय
बिजली गिरने की घटनाएं अक्सर जानलेवा साबित होती हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, बिजली गिरने के समय यदि आप खुले मैदान में हैं, तो जमीन पर झुक जाएं लेकिन लेटें नहीं। पेड़ों के नीचे खड़े होने से बचें और जलाशयों से दूरी बनाए रखें। जिन क्षेत्रों में पूर्व में बिजली गिरने की घटनाएं हुई हैं, वहां विशेष सावधानी की आवश्यकता है।
प्रभावित क्षेत्रों में प्रशासन की तैयारी
प्रभावित जिलों के प्रशासन को अलर्ट कर दिया गया है और सभी जिलाधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्रों में राहत और बचाव दल को सक्रिय करने के निर्देश दिए गए हैं। पुलिस, दमकल विभाग और स्वास्थ्य विभाग को भी तैयार रहने को कहा गया है ताकि किसी आपातकालीन स्थिति में तुरंत कार्रवाई की जा सके।
कृषि पर असर
हरियाणा और पंजाब दोनों ही कृषि प्रधान राज्य हैं और ऐसे में इस मौसम बदलाव का सबसे अधिक असर किसानों पर पड़ सकता है। गेहूं की फसल की कटाई का समय चल रहा है और अगर अचानक बारिश होती है तो खड़ी फसल को नुकसान हो सकता है। सरकार ने किसानों को सलाह दी है कि वे फसल को जल्द से जल्द सुरक्षित स्थानों पर रखें और ओलों से फसल को बचाने के लिए अस्थायी ढांचे तैयार रखें।
अतीत में हुए हादसे
गौरतलब है कि पिछले साल भी इसी तरह की मौसमीय परिस्थितियों के कारण पंजाब और हरियाणा के कई जिलों में भारी नुकसान हुआ था। फरीदकोट और अमृतसर में दर्जनों पेड़ गिर गए थे और कई मकानों की छतें उड़ गई थीं। बिजली गिरने से कुछ ग्रामीण इलाकों में जानमाल की भी हानि हुई थी।
मौसम की वर्तमान स्थिति
वर्तमान में पंजाब और हरियाणा के आसमान में बादल छाए हुए हैं और नमी युक्त हवाएं चल रही हैं। वातावरण में उमस बढ़ गई है जो इस बात का संकेत है कि अगले कुछ घंटों में मौसम और बिगड़ सकता है। मौसम वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि रात के समय गरज-चमक के साथ भारी बारिश हो सकती है।
निष्कर्ष
मौसम विभाग की चेतावनी को नजरअंदाज करना किसी भी दृष्टिकोण से उचित नहीं होगा। जन-जीवन को सुरक्षित रखने के लिए आवश्यक है कि हम प्रशासन और विशेषज्ञों की सलाह का पालन करें। आने वाले घंटों में यदि मौसम ने विकराल रूप धारण किया तो जनसामान्य की सजगता ही सबसे बड़ा सुरक्षा कवच बन सकती है।
अधिक जानकारी और अलर्ट के लिए मौसम विभाग की वेबसाइट और स्थानीय प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों पर ध्यान दें।