हरियाणा में सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर राहुल धंधलानिया के घर फायरिंग
सपाटे किंग और “बाबा की दया त” बोलकर फेमस हुए राहुल धंधलानिया के घर पर फायरिंग की घटना से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई है। सोशल मीडिया पर लाखों फॉलोअर्स वाले इस युवक पर जानलेवा हमला करने की नीयत से दो अज्ञात युवक बाइक पर आए और गोलियां चलाईं। हालांकि किसी को कोई चोट नहीं आई, लेकिन यह हमला सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स के खिलाफ बढ़ते आक्रोश और असहमति की खतरनाक मिसाल बनता जा रहा है।
घटना का विवरण
यह घटना हरियाणा के एक गांव की है, जहां राहुल धंधलानिया अपने परिवार के साथ रहते हैं। बुधवार रात करीब 9 बजे दो युवक मोटरसाइकिल पर सवार होकर आए और घर के बाहर फायरिंग कर दी। हमलावरों ने घर की दीवारों और दरवाजे को निशाना बनाया और वहां खड़े लोगों को डराने की कोशिश की।
फायरिंग के तुरंत बाद गांव में अफरा-तफरी मच गई, लेकिन ग्रामीणों ने बहादुरी दिखाते हुए दोनों हमलावरों को घेर लिया। काफी भागदौड़ और धक्का-मुक्की के बाद दोनों को दबोच लिया गया और स्थानीय पुलिस को सूचना दी गई।
हमलावरों के आरोप
गांव वालों द्वारा पकड़े गए युवकों ने चौंकाने वाला बयान दिया। उन्होंने कहा, “ये राहुल इंस्टाग्राम पर हमारे बारे में बहुत बोलता है, मजाक उड़ाता है। अब बख्शेंगे नहीं।” इससे यह स्पष्ट होता है कि हमले की वजह सोशल मीडिया पर किए गए कटाक्ष, मजाक और वीडियो हो सकते हैं।
राहुल धंधलानिया अपने वीडियो में गांव के ह्यूमर और देसी अंदाज़ में कई सामाजिक मुद्दों, व्यंग्य और मनोरंजन को दर्शाते हैं। उनका “बाबा की दया त...” डायलॉग युवाओं में खूब वायरल हुआ है और वह अपनी फनी एक्टिंग के लिए चर्चित हैं।
पुलिस की भूमिका और जांच
घटना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों हमलावरों को हिरासत में लिया। अब उनसे गहन पूछताछ की जा रही है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि हमले की वजह शुरुआती तौर पर व्यक्तिगत रंजिश और सोशल मीडिया से उपजे विवाद को माना जा रहा है। साथ ही हथियार कहां से लाए गए, इस पर भी जांच की जा रही है।
राहुल ने पुलिस को दिए बयान में कहा, “मैं हमेशा व्यंग्यात्मक और हास्यपूर्ण अंदाज़ में ही वीडियो बनाता हूं। किसी को व्यक्तिगत चोट पहुंचाना मेरा मकसद नहीं होता।”
गांव वालों की बहादुरी
इस हमले को टालने में सबसे बड़ी भूमिका गांव वालों की रही, जिन्होंने साहस दिखाते हुए हमलावरों को भागने नहीं दिया। ग्रामीणों ने लकड़ी, डंडों और सामूहिक प्रयास से उन्हें पकड़कर जमीन पर गिरा दिया और पुलिस आने तक वहीं रोके रखा।
गांव के ही धर्मबीर नामक व्यक्ति ने बताया, “हमारे गांव का नाम बदनाम करने की कोशिश की गई। ये हमला हमारे बेटे पर नहीं, पूरे समाज पर है। हम ऐसे लोगों को सजा दिलवाएंगे।”
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया
घटना के बाद सोशल मीडिया पर #JusticeForRDXRahul और #StopTargetingInfluencers ट्रेंड करने लगा। हज़ारों फॉलोअर्स ने राहुल के समर्थन में पोस्ट किए और हमलावरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।
वहीं कुछ यूजर्स ने यह भी सवाल उठाया कि क्या सोशल मीडिया पर व्यंग्य या मजाक करने की स्वतंत्रता को हिंसा का कारण बनाया जा सकता है? क्या सोशल स्टार्स को अब अपनी सुरक्षा के लिए बॉडीगार्ड रखने की ज़रूरत है?
इन्फ्लुएंसर की सुरक्षा पर सवाल
यह घटना एक गंभीर चिंता पैदा करती है कि देश में सोशल मीडिया क्रिएटर्स की सुरक्षा कितनी असुरक्षित होती जा रही है। वे अपनी पहचान, परिवार, और व्यक्तिगत जीवन को खतरे में डालकर डिजिटल प्लेटफॉर्म पर सक्रिय रहते हैं, लेकिन बदले में उन्हें धमकियां, ट्रोलिंग और कभी-कभी ऐसे हिंसक हमलों का सामना करना पड़ता है।
निष्कर्ष
राहुल धंधलानिया पर हुआ हमला सिर्फ एक व्यक्ति पर नहीं, बल्कि स्वतंत्र अभिव्यक्ति, डिजिटल क्रिएटिविटी और ग्रामीण युवाओं की आवाज़ पर हमला है। इस तरह की घटनाएं न केवल कानून-व्यवस्था पर प्रश्नचिह्न खड़ा करती हैं, बल्कि यह भी बताती हैं कि डिजिटल प्रसिद्धि के पीछे कितने खतरे छिपे होते हैं।
अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस घटना पर क्या कड़ा कदम उठाता है और समाज में ऐसे अपराधों को दोहराने से रोकने के लिए क्या नीति बनाता है।