गुरमीत राम रहीम की फरलो खत्म, आज लौटेगा सुनारिया जेल

गुरमीत राम रहीम की फरलो खत्म, आज लौटेगा सुनारिया जेल डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम की 21 दिन की फरलो की अवधि आज समाप्त हो गई है। प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम करते हुए उसे वापस रोहतक

गुरमीत राम रहीम की 21 दिन की फरलो समाप्त, कड़ी सुरक्षा के बीच आज सुनारिया जेल लौटेगा

चंडीगढ़/रोहतक: डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम की 21 दिन की फरलो की अवधि आज समाप्त हो गई है। प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम करते हुए उसे वापस रोहतक स्थित सुनारिया जेल ले जाने की तैयारी कर ली है। राम रहीम इस बार अपनी फरलो अवधि के दौरान बरनावा आश्रम (उत्तर प्रदेश) में रहा, जहां उसके अनुयायियों का भारी जमावड़ा देखा गया।

बरनावा आश्रम में बीते दिन

गुरमीत राम रहीम ने इस बार की फरलो के दौरान धार्मिक प्रवचन किए, वीडियो संदेश दिए और कई नए अनुयायियों को ‘नाम’ भी दिया। फरलो के दौरान उन्होंने कई ऑनलाइन सत्संग भी आयोजित किए, जिनमें लाखों अनुयायी वर्चुअली जुड़े। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर लगातार उनके सत्संग और संदेश वायरल होते रहे।

डेरा प्रवक्ताओं का दावा है कि राम रहीम ने इस दौरान समाज सेवा और नैतिकता को लेकर संदेश दिए। हालांकि, इस पर कई सामाजिक संगठनों और राजनीतिक दलों ने सवाल भी उठाए, यह कहते हुए कि एक सजायाफ्ता कैदी को बार-बार फरलो कैसे मिल सकती है?

सुरक्षा के कड़े इंतजाम

हरियाणा पुलिस और उत्तर प्रदेश प्रशासन ने गुरमीत राम रहीम की वापसी के मद्देनज़र चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था की है। बरनावा आश्रम से सुनारिया जेल तक पूरे रास्ते पर पुलिस और सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं। सभी सीमाओं पर निगरानी बढ़ा दी गई है और CCTV की मदद से पूरे काफिले की निगरानी की जा रही है।

सूत्रों के अनुसार, राम रहीम को गुप्त समय पर जेल वापस ले जाया जाएगा ताकि किसी भी तरह की भीड़ या विरोध प्रदर्शन से बचा जा सके। सुरक्षा कारणों से उसकी वापसी का सही समय सार्वजनिक नहीं किया गया है।

फरलो की कानूनी प्रक्रिया

गुरमीत राम रहीम को 21 दिन की फरलो हरियाणा जेल नियमों के तहत दी गई थी। फरलो का उद्देश्य कैदी को अपने परिवार और सामाजिक जीवन से जुड़ने का मौका देना होता है। हालांकि, राम रहीम की फरलो को लेकर बार-बार सवाल उठते रहे हैं, क्योंकि वह बलात्कार और हत्या जैसे गंभीर मामलों में सजा काट रहा है।

2021 से अब तक उसे करीब आधा दर्जन बार पैरोल या फरलो मिल चुकी है। हर बार उसकी पैरोल को लेकर सियासत गर्म हो जाती है, खासकर जब वह चुनावी मौसम में फरलो पर बाहर आता है।

विपक्ष का सरकार पर हमला

गुरमीत राम रहीम की फरलो पर विपक्षी पार्टियों ने एक बार फिर सरकार को घेरा है। कांग्रेस, INLD और AAP नेताओं ने आरोप लगाया है कि राज्य सरकार उसे राजनीतिक लाभ के लिए बार-बार फरलो दे रही है।

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा, “एक सजायाफ्ता को इतनी बार फरलो मिलना सामान्य नहीं है। यह कानून की अवहेलना है और इसका संदेश समाज में गलत जाता है।” वहीं AAP नेता सुशील गुप्ता ने कहा कि राम रहीम को खुला मंच देना सत्ताधारी दल की साजिश है।

डेरा समर्थकों का उत्साह

राम रहीम के बाहर आने के बाद देश के विभिन्न हिस्सों से डेरा अनुयायी बरनावा आश्रम पहुंचे थे। वहां रोजाना सैकड़ों गाड़ियाँ देखी गईं, जिससे प्रशासन को भीड़ नियंत्रित करने में परेशानी हुई। अनुयायियों का मानना है कि राम रहीम 'धार्मिक गुरु' हैं और उनके प्रवचनों से लाखों लोगों का जीवन बदला है।

हालांकि, मानवाधिकार संगठनों और महिला अधिकार कार्यकर्ताओं का मानना है कि एक बलात्कारी को धर्मगुरु की तरह पेश करना समाज के लिए घातक है।

जेल प्रशासन की तैयारी

सुनारिया जेल में गुरमीत राम रहीम की वापसी के लिए विशेष सेल की तैयारी की गई है। जेल अधिकारियों ने बताया कि उसकी सुरक्षा और गतिविधियों पर सख्त निगरानी रखी जाएगी। इस बार उसकी मुलाकातों और अन्य विशेषाधिकारों पर भी पुनर्विचार किया जाएगा।

क्या कहते हैं विशेषज्ञ?

कानून विशेषज्ञों का कहना है कि फरलो देना जेल प्रशासन का विशेषाधिकार है, लेकिन जब किसी सजायाफ्ता कैदी को बार-बार यह सुविधा मिले तो उसकी निष्पक्षता पर सवाल खड़े होते हैं। सुप्रीम कोर्ट के एक पूर्व जज ने हाल ही में कहा था कि “राजनीतिक लाभ के लिए कानून का उपयोग करना लोकतंत्र के लिए खतरे की घंटी है।”

निष्कर्ष

गुरमीत राम रहीम की 21 दिन की फरलो खत्म होने के साथ ही फिर से वह अपनी सजा पूरी करने के लिए जेल लौटेगा। लेकिन हर बार की तरह इस बार भी उसकी फरलो पर विवाद, बहस और आरोप-प्रत्यारोप का दौर चलता रहा। अब देखना होगा कि भविष्य में सरकार उसे फिर से इस तरह की छूट देती है या नहीं।

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Location: India Haryana, India