गुरुग्राम में पिता ने टेनिस खिलाड़ी बेटी की इंस्टाग्राम रील बनाने से नाराज होकर कर दी हत्या
गुरुग्राम, 10 जुलाई: हरियाणा के गुरुग्राम से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है जहाँ एक पिता ने अपनी ही बेटी, जो एक उभरती हुई टेनिस खिलाड़ी थी, की हत्या कर दी। प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई है कि पिता अपनी बेटी के इंस्टाग्राम रील्स बनाने और सोशल मीडिया पर सक्रिय रहने से नाराज था।
बेटी थी होनहार टेनिस खिलाड़ी
मृतका की पहचान राधिका यादव आयु 25 साल के रूप में हुई है, जो पिछले 3 वर्षों से टेनिस की ट्रेनिंग ले रही थी और कई राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं में भाग ले चुकी थी। साक्षी सोशल मीडिया पर भी सक्रिय थी और अक्सर अपनी टेनिस प्रैक्टिस, फिटनेस और अन्य रील्स इंस्टाग्राम पर पोस्ट करती थी।
स्थानीय लोगों के अनुसार, साक्षी का सपना अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व करना था और वह अपने कोच और प्रशिक्षण को लेकर बेहद गंभीर थी। लेकिन पिता को बेटी का सोशल मीडिया पर एक्टिव होना और 'पब्लिक में दिखावा' करना बिल्कुल पसंद नहीं था।
घरेलू विवाद बन गया हत्या का कारण
पुलिस रिपोर्ट के मुताबिक, घटना मंगलवार देर रात की है। साक्षी अपने कमरे में मोबाइल पर वीडियो एडिट कर रही थी। तभी उसके पिता वहां पहुंचे और दोनों के बीच कहासुनी शुरू हो गई। गुस्से में पिता ने पहले उसे पीटना शुरू किया और फिर पास में रखे एक भारी लोहे के रॉड से उस पर हमला कर दिया।
घायल साक्षी को परिवार के अन्य सदस्यों ने अस्पताल पहुंचाया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में सिर पर गंभीर चोट और अत्यधिक रक्तस्राव से मौत की पुष्टि हुई है।
पुलिस ने पिता को किया गिरफ्तार
घटना की सूचना मिलते ही गुरुग्राम पुलिस मौके पर पहुंची और आरोपी पिता को मौके से ही गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ में उसने अपराध स्वीकार करते हुए कहा कि वह अपनी बेटी के सोशल मीडिया व्यवहार से नाराज था और उसने गुस्से में यह कदम उठा लिया।
पुलिस ने आरोपी के खिलाफ हत्या की धाराओं में केस दर्ज कर लिया है और मामले की गहन जांच जारी है।
सोशल मीडिया बना विवाद की जड़
इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या अभिभावक और बच्चों के बीच बढ़ती डिजिटल दूरी और समझ की कमी इस तरह की घटनाओं को जन्म दे रही है? सोशल मीडिया का इस्तेमाल आज की पीढ़ी के लिए एक सामान्य व्यवहार बन चुका है, लेकिन कई बार यह पीढ़ी दर पीढ़ी टकराव की वजह भी बन रहा है।
विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे मामलों में संवाद की कमी और पीढ़ियों के बीच सोच का टकराव सबसे बड़ी वजह होती है। एक तरफ जहाँ युवा पीढ़ी खुद को अभिव्यक्त करना चाहती है, वहीं दूसरी ओर पारंपरिक सोच रखने वाले अभिभावक इसे स्वीकार नहीं कर पाते।
स्थानीय समाज में शोक और हैरानी
इस घटना से पूरे इलाके में शोक की लहर है। साक्षी की कोच और खेल जगत से जुड़े लोगों ने इसे खेल प्रतिभा के लिए बहुत बड़ी क्षति बताया है। पड़ोसियों का कहना है कि साक्षी एक मिलनसार, अनुशासित और मेहनती लड़की थी, जिसने हमेशा अपने खेल को प्राथमिकता दी।
स्थानीय महिला आयोग और बाल संरक्षण विभाग ने भी मामले में संज्ञान लिया है और रिपोर्ट मांगी है।
निष्कर्ष
गुरुग्राम की यह घटना न सिर्फ पारिवारिक त्रासदी है, बल्कि यह समाज को भी आईना दिखाती है कि आज के दौर में अभिभावकों और बच्चों के बीच भावनात्मक संवाद और डिजिटल समझ कितनी आवश्यक हो गई है। यदि समय रहते संवाद होता, तो शायद साक्षी की जिंदगी बचाई जा सकती थी।
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