अनंगपुर गांव में तोड़फोड़ के विरोध में आज पंचायत, 12 गांवों की 84 खापें कहेंगी 'मन की बात'
📍 स्थान: अनंगपुर गांव, जिला फरीदाबाद (हरियाणा)
📅 दिनांक: 08 जुलाई 2025
हरियाणा के फरीदाबाद जिले के अनंगपुर गांव में हाल ही में हुई सरकारी तोड़फोड़ कार्रवाई के विरोध में आज एक बड़ी पंचायत बुलाई गई है। इस पंचायत में आस-पास के 12 गांवों से 84 खाप पंचायतों के प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे। ग्रामीणों ने इसे ‘जन विरोधी कार्रवाई’ करार दिया है और अब वे अपने मन की बात पंचायत के माध्यम से रखेंगे।
क्या है मामला?
अनंगपुर गांव में कुछ दिन पहले स्थानीय प्रशासन द्वारा अवैध निर्माण और अतिक्रमण को हटाने के लिए तोड़फोड़ की कार्रवाई की गई थी। प्रशासन का कहना है कि यह जमीन वन विभाग की थी और वहां अवैध कब्जा किया गया था। लेकिन ग्रामीणों का आरोप है कि यह जमीन उनकी पुश्तैनी संपत्ति है और सरकार जबरन उन्हें उजाड़ रही है।
पंचायत की तैयारी पूरी
आज गांव के चौपाल पर सुबह 11 बजे से पंचायत शुरू होगी। आयोजकों ने बताया कि इसमें 12 गांवों के वरिष्ठ प्रतिनिधि, बुजुर्ग, महिलाएं और युवा शामिल होंगे। पंचायत का उद्देश्य है कि सरकार तक उनकी आवाज शांति और एकजुटता के साथ पहुंचे।
84 खापें होंगी शामिल
हरियाणा की सामाजिक संरचना में खापों का बड़ा महत्व है। इस पंचायत में 84 खाप पंचायतें शामिल होंगी जो इस मुद्दे पर एक स्वर में सरकार से जवाब मांगेंगी। यह खापें ग्रामीणों की एकता और संगठन का प्रतीक हैं और किसी भी बड़े फैसले में इनकी सहमति अहम मानी जाती है।
‘मन की बात’ रखेंगे ग्रामीण
पंचायत में कोई नारेबाजी नहीं होगी, न ही कोई उग्र रूप लिया जाएगा। आयोजकों का कहना है कि “हम सरकार को विरोध का तरीका भी सिखाएंगे – शांति और सम्मान के साथ।” ग्रामीण अपनी बातें पंचायत में रखेंगे और प्रशासन को एक ज्ञापन सौंपा जाएगा।
प्रशासन का पक्ष
स्थानीय प्रशासन का कहना है कि कार्रवाई पूरी तरह वैध है और केवल उन लोगों पर लागू हुई है जिन्होंने सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा किया था। जिला उपायुक्त कार्यालय ने बताया कि ग्रामीणों को पहले ही नोटिस दिया गया था और कानून के दायरे में रहकर कार्रवाई की गई।
राजनीतिक हलकों में भी हलचल
इस मुद्दे पर विपक्षी पार्टियों ने भी प्रतिक्रिया दी है और सरकार पर निशाना साधा है। कुछ नेताओं ने इस पंचायत को ‘ग्रामीण आक्रोश की शुरुआत’ बताया है और समर्थन देने की बात कही है।
क्या हो सकता है असर?
यदि आज की पंचायत एकजुट रही और शांतिपूर्ण रही, तो यह हरियाणा के अन्य गांवों के लिए भी एक संदेश होगा कि कैसे जनविरोध को सकारात्मक रूप से रखा जा सकता है। सरकार के लिए भी यह संकेत होगा कि ग्रामीण अब केवल चुप रहने वाले नहीं हैं।
निष्कर्ष
अनंगपुर गांव की यह पंचायत केवल एक गांव का आंदोलन नहीं, बल्कि हर उस किसान और ग्रामीण की आवाज है, जो अपनी जमीन, हक और पहचान के लिए लड़ रहा है। अब देखना होगा कि सरकार इस पंचायत की 'मन की बात' को सुनती है या फिर मामला और गंभीर होता है।
📌 अपडेट के लिए जुड़े रहें – पंचायत की रिपोर्ट और निर्णय आने पर हम आपको सूचित करेंगे।